Skip to main content

اِنَّ الدِّيْنَ عِنْدَ اللّٰهِ الْاِسْلَامُ ۗ وَمَا اخْتَلَفَ الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ اِلَّا مِنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَهُمُ الْعِلْمُ بَغْيًاۢ بَيْنَهُمْ ۗوَمَنْ يَّكْفُرْ بِاٰيٰتِ اللّٰهِ فَاِنَّ اللّٰهَ سَرِيْعُ الْحِسَابِ  ( آل عمران: ١٩ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
the religion
ٱلدِّينَ
दीन
near
عِندَ
अल्लाह के नज़दीक
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के नज़दीक
(is) Islam
ٱلْإِسْلَٰمُۗ
इस्लाम है
And not
وَمَا
और नहीं
differed
ٱخْتَلَفَ
इख़्तिलाफ़ किया
those who
ٱلَّذِينَ
उन्होंने जो
were given
أُوتُوا۟
दिए गए
the Book
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
except
إِلَّا
मगर
from
مِنۢ
बाद उसके
after
بَعْدِ
बाद उसके
[what]
مَا
जो
came to them
جَآءَهُمُ
आ गया उनके पास
[the] knowledge
ٱلْعِلْمُ
इल्म
out of envy
بَغْيًۢا
बवजह ज़िद के
among them
بَيْنَهُمْۗ
आपस में
And whoever
وَمَن
और जो कोई
disbelieves
يَكْفُرْ
कुफ़्र करे
in (the) Verses
بِـَٔايَٰتِ
साथ आयात के
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) swift
سَرِيعُ
जल्द लेने वाला है
(in taking) account
ٱلْحِسَابِ
हिसाब

Inna alddeena 'inda Allahi alislamu wama ikhtalafa allatheena ootoo alkitaba illa min ba'di ma jaahumu al'ilmu baghyan baynahum waman yakfur biayati Allahi fainna Allaha saree'u alhisabi (ʾĀl ʿImrān 3:19)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

दीन (धर्म) तो अल्लाह की स्पष्ट में इस्लाम ही है। जिन्हें किताब दी गई थी, उन्होंने तो इसमें इसके पश्चात विभेद किया कि ज्ञान उनके पास आ चुका था। ऐसा उन्होंने परस्पर दुराग्रह के कारण किया। जो अल्लाह की आयतों का इनकार करेगा तो अल्लाह भी जल्द हिसाब लेनेवाला है

English Sahih:

Indeed, the religion in the sight of Allah is IsLam. And those who were given the Scripture did not differ except after knowledge had come to them – out of jealous animosity between themselves. And whoever disbelieves in the verses of Allah, then indeed, Allah is swift in [taking] account. ([3] Ali 'Imran : 19)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अहले किताब ने जो उस दीने हक़ से इख्तेलाफ़ किया तो महज़ आपस की शरारत और असली (अम्र) मालूम हो जाने के बाद (ही क्या है) और जिस शख्स ने ख़ुदा की निशानियों से इन्कार किया तो (वह समझ ले कि यक़ीनन ख़ुदा (उससे) बहुत जल्दी हिसाब लेने वाला है