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وَقِيْلِهٖ يٰرَبِّ اِنَّ هٰٓؤُلَاۤءِ قَوْمٌ لَّا يُؤْمِنُوْنَۘ  ( الزخرف: ٨٨ )

And his saying
وَقِيلِهِۦ
क़सम है उस (रसूल) के क़ौल की
"O my Lord!
يَٰرَبِّ
ऐ मेरे रब
Indeed
إِنَّ
बेशक
these
هَٰٓؤُلَآءِ
ये
(are) a people
قَوْمٌ
लोग
(who do) not
لَّا
नहीं वो ईमान लाऐंगे
believe"
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाऐंगे

Waqeelihi yarabbi inna haolai qawmun la yuminoona (az-Zukhruf 43:88)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उसका कहना हो कि 'ऐ मेरे रब! निश्चय ही ये वे लोग है, जो ईमान नहीं रखते थे।'

English Sahih:

And [Allah acknowledges] his saying, "O my Lord, indeed these are a people who do not believe." ([43] Az-Zukhruf : 88)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (उसी को) रसूल के उस क़ौल का भी इल्म है कि परवरदिगार ये लोग हरगिज़ ईमान न लाएँगे