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فَكَذَّبَ
तो उसने झुठलाया
وَعَصَىٰ
और उसने नाफ़रमानी की

Fakaththaba wa'asa

किन्तु उसने झुठला दिया और कहा न माना,

Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ
फिर
أَدْبَرَ
वो पलटा
يَسْعَىٰ
कोशिश करते हुए

Thumma adbara yas'a

फिर सक्रियता दिखाते हुए पलटा,

Tafseer (तफ़सीर )

فَحَشَرَ
फिर उसने इकट्ठा किया
فَنَادَىٰ
फिर उसने पुकारा

Fahashara fanada

फिर (लोगों को) एकत्र किया और पुकारकर कहा,

Tafseer (तफ़सीर )

فَقَالَ
फिर उसने कहा
أَنَا۠
मैं
رَبُّكُمُ
रब हूँ तुम्हारा
ٱلْأَعْلَىٰ
सब से बुलन्द

Faqala ana rabbukumu ala'la

'मैं तुम्हारा उच्चकोटि का स्वामी हूँ!'

Tafseer (तफ़सीर )

فَأَخَذَهُ
तो पकड़ लिया उसे
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
نَكَالَ
अज़ाब में
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत
وَٱلْأُولَىٰٓ
और दुनिया के

Faakhathahu Allahu nakala alakhirati waaloola

अन्ततः अल्लाह ने उसे आख़िरत और दुनिया की शिक्षाप्रद यातना में पकड़ लिया

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّ
बेशक
فِى
इसमें
ذَٰلِكَ
इसमें
لَعِبْرَةً
यक़ीनन इब्रत है
لِّمَن
उसके लिए जो
يَخْشَىٰٓ
डरता हो

Inna fee thalika la'ibratan liman yakhsha

निस्संदेह इसमें उस व्यक्ति के लिए बड़ी शिक्षा है जो डरे!

Tafseer (तफ़सीर )

ءَأَنتُمْ
क्या तुम
أَشَدُّ
ज़्यादा सख़्त हो
خَلْقًا
तख़लीक़ में
أَمِ
या
ٱلسَّمَآءُۚ
आसमान
بَنَىٰهَا
उसने बनाया उसे

Aantum ashaddu khalqan ami alssamao banaha

क्या तुम्हें पैदा करना अधिक कठिन कार्य है या आकाश को? अल्लाह ने उसे बनाया,

Tafseer (तफ़सीर )

رَفَعَ
उसने बुलन्द किया
سَمْكَهَا
इसकी छत को
فَسَوَّىٰهَا
फिर उसने दुरुस्त कर दिया उसे

Rafa'a samkaha fasawwaha

उसकी ऊँचाई को ख़ूब ऊँचा करके उसे ठीक-ठाक किया;

Tafseer (तफ़सीर )

وَأَغْطَشَ
और उसने तारीक किया
لَيْلَهَا
उसकी रात के
وَأَخْرَجَ
और उसने निकाला
ضُحَىٰهَا
उसकी धूप को

Waaghtasha laylaha waakhraja duhaha

और उसकी रात को अन्धकारमय बनाया और उसका दिवस-प्रकाश प्रकट किया

Tafseer (तफ़सीर )

وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
بَعْدَ
बाद
ذَٰلِكَ
उसके
دَحَىٰهَآ
उसने फैला दिया उसे

Waalarda ba'da thalika dahaha

और धरती को देखो! इसके पश्चात उसे फैलाया;

Tafseer (तफ़सीर )