وَاِذْ قَالَ مُوْسٰى لِقَوْمِهِ اذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ اَنْجٰىكُمْ مِّنْ اٰلِ فِرْعَوْنَ يَسُوْمُوْنَكُمْ سُوْۤءَ الْعَذَابِ وَيُذَبِّحُوْنَ اَبْنَاۤءَكُمْ وَيَسْتَحْيُوْنَ نِسَاۤءَكُمْ ۗوَفِيْ ذٰلِكُمْ بَلَاۤءٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ عَظِيْمٌ ࣖ ( ابراهيم: ٦ )
Waith qala moosa liqawmihi othkuroo ni'mata Allahi 'alaykum ith anjakum min ali fir'awna yasoomoonakum sooa al'athabi wayuthabbihoona abnaakum wayastahyoona nisaakum wafee thalikum balaon min rabbikum 'atheemun (ʾIbrāhīm 14:6)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जब मूसा ने अपनी क़ौम के लोगों से कहा, 'अल्लाह ही उस कृपादृष्टि को याद करो, जो तुमपर हुई। जब उसने तुम्हें फ़िरऔनियों से छुटकारा दिलाया जो तुम्हें बुरी यातना दे रहे थे, तुम्हारे बेटों का वध कर डालते थे और तुम्हारी औरतों को जीवित रखते थे, किन्तु इसमें तुम्हारे रब की ओर से बड़ी कृपा हुई।'
English Sahih:
And [recall, O Children of Israel], when Moses said to his people, "Remember the favor of Allah upon you when He saved you from the people of Pharaoh, who were afflicting you with the worst torment and were slaughtering your [newborn] sons and keeping your females alive. And in that was a great trial from your Lord. ([14] Ibrahim : 6)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और वह (वक्त याद दिलाओ) जब मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि ख़ुदा ने जो एहसान तुम पर किए हैं उनको याद करो जब अकेले तुमको फिरऔन के लोगों (के ज़ुल्म) से नजात दी कि वह तुम को बहुत बड़े बड़े दुख दे के सताते थे तुम्हारा लड़कों को जबाह कर डालते थे और तुम्हारी औरतों को (अपनी ख़िदमत के वास्ते) जिन्दा रहने देते थे और इसमें तुम्हारा परवरदिगार की तरफ से (तुम्हारा सब्र की) बड़ी (सख्त) आज़माइश थी