وَمَنْ جَاۤءَ بِالسَّيِّئَةِ فَكُبَّتْ وُجُوْهُهُمْ فِى النَّارِۗ هَلْ تُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ( النمل: ٩٠ )
And whoever
وَمَن
और जो कोई
comes
جَآءَ
लाएगा
with the evil
بِٱلسَّيِّئَةِ
बुराई को
will be cast down
فَكُبَّتْ
तो औंधे डाले जाऐंगे
their faces
وُجُوهُهُمْ
चेहरे उनके
in
فِى
आग में
the Fire
ٱلنَّارِ
आग में
"Are
هَلْ
नहीं
you recompensed
تُجْزَوْنَ
तुम बदला दिए जाओगे
except
إِلَّا
मगर
(for) what
مَا
उसका जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do?"
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते
Waman jaa bialssayyiati fakubbat wujoohuhum fee alnnari hal tujzawna illa ma kuntum ta'maloona (an-Naml 27:90)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो कुचरित लेकर आया तो ऐसे लोगों के मुँह आग में औधे होंगे। (और उनसे कहा जाएगा) 'क्या तुम उसके सिवा किसी और चीज़ का बदला पा रहे हो, जो तुम करते रहे हो?'
English Sahih:
And whoever comes with an evil deed – their faces will be overturned into the Fire, [and it will be said], "Are you recompensed except for what you used to do?" ([27] An-Naml : 90)