لِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الْغَنِيُّ الْحَمِيْدُ ( لقمان: ٢٦ )
To Allah (belongs)
لِلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
whatever
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and the earth
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन में
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
He
هُوَ
वो ही है
(is) Free of need
ٱلْغَنِىُّ
बहुत बेनियाज़
the Praiseworthy
ٱلْحَمِيدُ
ख़ूब तारीफ़ वाला
Lillahi ma fee alssamawati waalardi inna Allaha huwa alghaniyyu alhameedu (Luq̈mān 31:26)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
आकाशों और धरती में जो कुछ है अल्लाह ही का है। निस्संदेह अल्लाह ही निस्पृह, स्वतः प्रशंसित है
English Sahih:
To Allah belongs whatever is in the heavens and earth. Indeed, Allah is the Free of need, the Praiseworthy. ([31] Luqman : 26)