۞ وَاِلٰى ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًا ۘ قَالَ يٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَيْرُهٗ ۗهُوَ اَنْشَاَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ وَاسْتَعْمَرَكُمْ فِيْهَا فَاسْتَغْفِرُوْهُ ثُمَّ تُوْبُوْٓا اِلَيْهِ ۗاِنَّ رَبِّيْ قَرِيْبٌ مُّجِيْبٌ ( هود: ٦١ )
Waila thamooda akhahum salihan qala ya qawmi o'budoo Allaha ma lakum min ilahin ghayruhu huwa anshaakum mina alardi waista'marakum feeha faistaghfiroohu thumma tooboo ilayhi inna rabbee qareebun mujeebun (Hūd 11:61)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
समूद को और उसके भाई सालेह को भेजा। उसने कहा, 'ऐ मेरी क़़ौम के लोगों! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके सिवा तुम्हारा कोई अन्य पूज्य-प्रभु नहीं। उसी ने तुम्हें धरती से पैदा किया और उसमें तुम्हें बसायाय़ अतः उससे क्षमा माँगो; फिर उसकी ओर पलट आओ। निस्संदेह मेरा रब निकट है, प्रार्थनाओं को स्वीकार करनेवाला भी।'
English Sahih:
And to Thamud [We sent] their brother Saleh. He said, "O my people, worship Allah; you have no deity other than Him. He has produced you from the earth and settled you in it, so ask forgiveness of Him and then repent to Him. Indeed, my Lord is near and responsive." ([11] Hud : 61)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (हमने) क़ौमे समूद के पास उनके भाई सालेह को (पैग़म्बर बनाकर भेजा) तो उन्होंने (अपनी क़ौम से) कहा ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा ही की परसतिश करो उसके सिवा कोई तुम्हारा माबूद नहीं उसी ने तुमको ज़मीन (की मिट्टी) से पैदा किया और तुमको उसमें बसाया तो उससे मग़फिरत की दुआ मॉगों फिर उसकी बारगाह में तौबा करो (बेशक मेरा परवरदिगार (हर शख़्श के) क़रीब और सबकी सुनता और दुआ क़ुबूल करता है