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وَجَعَلْنَا فِى الْاَرْضِ رَوَاسِيَ اَنْ تَمِيْدَ بِهِمْۖ وَجَعَلْنَا فِيْهَا فِجَاجًا سُبُلًا لَّعَلَّهُمْ يَهْتَدُوْنَ   ( الأنبياء: ٣١ )

And We (have) placed
وَجَعَلْنَا
और बनाया हमने
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
firmly set mountains
رَوَٰسِىَ
पहाड़ों को
lest
أَن
कि
it (should) shake
تَمِيدَ
वो ढुलक (ना) जाए
with them
بِهِمْ
साथ उनके
and We made
وَجَعَلْنَا
और बनाए हमने
therein
فِيهَا
उसमें
broad passes
فِجَاجًا
कुशादा
(as) ways
سُبُلًا
रास्ते
so that they may
لَّعَلَّهُمْ
ताकि वो
(be) guided
يَهْتَدُونَ
वो राह पा जाऐं

Waja'alna fee alardi rawasiya an tameeda bihim waja'alna feeha fijajan subulan la'allahum yahtadoona (al-ʾAnbiyāʾ 21:31)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और हमने धरती में अटल पहाड़ रख दिए, ताकि कहीं ऐसा न हो कि वह उन्हें लेकर ढुलक जाए और हमने उसमें ऐसे दर्रे बनाए कि रास्तों का काम देते है, ताकि वे मार्ग पाएँ

English Sahih:

And We placed within the earth firmly set mountains, lest it should shift with them, and We made therein [mountain] passes [as] roads that they might be guided. ([21] Al-Anbya : 31)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हम ही ने ज़मीन पर भारी बोझल पहाड़ बनाए ताकि ज़मीन उन लोगों को लेकर किसी तरफ झुक न पड़े और हम ने ही उसमें लम्बे-चौड़े रास्ते बनाए ताकि ये लोग अपने-अपने मंज़िलें मक़सूद को जा पहुँचे