وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ لَيَقُوْلُنَّ اللّٰهُ ۗقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ ۗبَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا يَعْلَمُوْنَ ( لقمان: ٢٥ )
And if
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
you ask them
سَأَلْتَهُم
पूछें आप उनसे
"Who
مَّنْ
किसने
created
خَلَقَ
पैदा किया
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth?"
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
They will surely say
لَيَقُولُنَّ
अलबत्ता वो ज़रूर कहेंगे
"Allah"
ٱللَّهُۚ
अल्लाह ने
Say
قُلِ
कह दीजिए
"All praises
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
(are) for Allah"
لِلَّهِۚ
अल्लाह के लिए है
But
بَلْ
बल्कि
most of them
أَكْثَرُهُمْ
अक्सर उनके
(do) not
لَا
वो इल्म नहीं रखते
know
يَعْلَمُونَ
वो इल्म नहीं रखते
Walain saaltahum man khalaqa alssamawati waalarda layaqoolunna Allahu quli alhamdu lillahi bal aktharuhum la ya'lamoona (Luq̈mān 31:25)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि तुम उनसे पूछो कि 'आकाशों और धरती को किसने पैदा किया?' तो वे अवश्य कहेंगे कि 'अल्लाह ने।' कहो, 'प्रशंसा भी अल्लाह के लिए है।' वरन उनमें से अधिकांश जानते नहीं
English Sahih:
And if you asked them, "Who created the heavens and earth?" they would surely say, "Allah." Say, "[All] praise is [due] to Allah"; but most of them do not know. ([31] Luqman : 25)