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وَمَنْ يَّقْتُلْ مُؤْمِنًا مُّتَعَمِّدًا فَجَزَاۤؤُهٗ جَهَنَّمُ خَالِدًا فِيْهَا وَغَضِبَ اللّٰهُ عَلَيْهِ وَلَعَنَهٗ وَاَعَدَّ لَهٗ عَذَابًا عَظِيْمًا   ( النساء: ٩٣ )

And whoever
وَمَن
और जो
kills
يَقْتُلْ
क़त्ल करे
a believer
مُؤْمِنًا
किसी मोमिन को
intentionally
مُّتَعَمِّدًا
जान बूझकर
then his recompense
فَجَزَآؤُهُۥ
तो बदला है उसका
(is) Hell
جَهَنَّمُ
जहन्नम
abiding forever
خَٰلِدًا
हमेशा रहने वाला है
in it
فِيهَا
उसमें
and will fall the wrath
وَغَضِبَ
और ग़ज़बनाक हुआ
(of) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
on him
عَلَيْهِ
उस पर
and He (will) curse him
وَلَعَنَهُۥ
और उसने लानत की उस पर
and He has prepared
وَأَعَدَّ
और उसने तैयार कर रखा है
for him
لَهُۥ
उसके लिए
a punishment
عَذَابًا
अज़ाब
great
عَظِيمًا
बहुत बड़ा

Waman yaqtul muminan muta'ammidan fajazaohu jahannamu khalidan feeha waghadiba Allahu 'alayhi wala'anahu waa'adda lahu 'athaban 'atheeman (an-Nisāʾ 4:93)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो व्यक्ति जान-बूझकर किसी मोमिन की हत्या करे, तो उसका बदला जहन्नम है, जिसमें वह सदा रहेगा; उसपर अल्लाह का प्रकोप और उसकी फिटकार है और उसके लिए अल्लाह ने बड़ी यातना तैयार कर रखी है

English Sahih:

But whoever kills a believer intentionally – his recompense is Hell, wherein he will abide eternally, and Allah has become angry with him and has cursed him and has prepared for him a great punishment. ([4] An-Nisa : 93)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो शख्स किसी मोमिन को जानबूझ के मार डाले (ग़ुलाम की आज़ादी वगैरह उसका कुफ्फ़ारा नहीं बल्कि) उसकी सज़ा दोज़क है और वह उसमें हमेशा रहेगा उसपर ख़ुदा ने (अपना) ग़ज़ब ढाया है और उसपर लानत की है और उसके लिए बड़ा सख्त अज़ाब तैयार कर रखा है