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يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اِذَا ضَرَبْتُمْ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ فَتَبَيَّنُوْا وَلَا تَقُوْلُوْا لِمَنْ اَلْقٰىٓ اِلَيْكُمُ السَّلٰمَ لَسْتَ مُؤْمِنًاۚ تَبْتَغُوْنَ عَرَضَ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا ۖفَعِنْدَ اللّٰهِ مَغَانِمُ كَثِيْرَةٌ ۗ كَذٰلِكَ كُنْتُمْ مِّنْ قَبْلُ فَمَنَّ اللّٰهُ عَلَيْكُمْ فَتَبَيَّنُوْاۗ اِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِيْرًا  ( النساء: ٩٤ )

O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe[d]!
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
When
إِذَا
जब
you go forth
ضَرَبْتُمْ
सफ़र करो तुम
in
فِى
अल्लाह के रास्ते में
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते में
then investigate
فَتَبَيَّنُوا۟
तो तहक़ीक़ कर लिया करो
and (do) not
وَلَا
और ना
say
تَقُولُوا۟
तुम कहो
to (the one) who
لِمَنْ
उसके लिए जो
offers
أَلْقَىٰٓ
डाले
to you
إِلَيْكُمُ
तरफ़ तुम्हारे
(a greeting of) peace
ٱلسَّلَٰمَ
सलाम
"You are not"
لَسْتَ
नहीं हो तुम
"a believer"
مُؤْمِنًا
मोमिन
seeking
تَبْتَغُونَ
तुम चाहते हो
transitory gains
عَرَضَ
सामान
(of) the life
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी का
(of) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
for with
فَعِندَ
तो पास
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
(are) booties
مَغَانِمُ
ग़नीमतें हैं
abundant
كَثِيرَةٌۚ
बहुत सी
Like that
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
you were
كُنتُم
थे तुम
from
مِّن
इससे पहले
before
قَبْلُ
इससे पहले
then conferred favor
فَمَنَّ
तो एहसान किया
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
upon you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
so investigate
فَتَبَيَّنُوٓا۟ۚ
पस तहक़ीक़ कर लिया करो
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
is
كَانَ
है
of what
بِمَا
उसकी जो
you do
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
All-Aware
خَبِيرًا
ख़ूब ख़बर रखने वाला

Ya ayyuha allatheena amanoo itha darabtum fee sabeeli Allahi fatabayyanoo wala taqooloo liman alqa ilaykumu alssalama lasta muminan tabtaghoona 'arada alhayati alddunya fa'inda Allahi maghanimu katheeratun kathalika kuntum min qablu famanna Allahu 'alaykum fatabayyanoo inna Allaha kana bima ta'maloona khabeeran (an-Nisāʾ 4:94)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! जब तुम अल्लाह के मार्ग से निकलो तो अच्छी तरह पता लगा लो और जो तुम्हें सलाम करे, उससे यह न कहो कि तुम ईमान नहीं रखते, और इससे तुम्हारा ध्येय यह हो कि सांसारिक जीवन का माल प्राप्त करो। अल्लाह ने तुमपर उपकार किया, जो अच्छी तरह पता लगा लिया करो। जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है

English Sahih:

O you who have believed, when you go forth [to fight] in the cause of Allah, investigate; and do not say to one who gives you [a greeting of] peace, "You are not a believer," aspiring for the goods of worldly life; for with Allah are many acquisitions. You [yourselves] were like that before; then Allah conferred His favor [i.e., guidance] upon you, so investigate. Indeed Allah is ever, of what you do, Aware. ([4] An-Nisa : 94)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदारों जब तुम ख़ुदा की राह में (जेहाद करने को) सफ़र करो तो (किसी के क़त्ल करने में जल्दी न करो बल्कि) अच्छी तरह जॉच कर लिया करो और जो शख्स (इज़हारे इस्लाम की ग़रज़ से) तुम्हे सलाम करे तो तुम बे सोचे समझे न कह दिया करो कि तू ईमानदार नहीं है (इससे ज़ाहिर होता है) कि तुम (फ़क्त) दुनियावी आसाइश की तमन्ना रखते हो मगर इसी बहाने क़त्ल करके लूट लो और ये नहीं समझते कि (अगर यही है) तो ख़ुदा के यहॉ बहुत से ग़नीमतें हैं (मुसलमानों) पहले तुम ख़ुद भी तो ऐसे ही थे फिर ख़ुदा ने तुमपर एहसान किया (कि बेखटके मुसलमान हो गए) ग़रज़ ख़ूब छानबीन कर लिया करो बेशक ख़ुदा तुम्हारे हर काम से ख़बरदार है