وَالَّذِيْ قَالَ لِوَالِدَيْهِ اُفٍّ لَّكُمَآ اَتَعِدَانِنِيْٓ اَنْ اُخْرَجَ وَقَدْ خَلَتِ الْقُرُوْنُ مِنْ قَبْلِيْۚ وَهُمَا يَسْتَغِيْثٰنِ اللّٰهَ وَيْلَكَ اٰمِنْ ۖاِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّۚ فَيَقُوْلُ مَا هٰذَآ اِلَّآ اَسَاطِيْرُ الْاَوَّلِيْنَ ( الأحقاف: ١٧ )
Waallathee qala liwalidayhi offin lakuma ata'idaninee an okhraja waqad khalati alquroonu min qablee wahuma yastagheethani Allaha waylaka amin inna wa'da Allahi haqqun fayaqoolu ma hatha illa asateeru alawwaleena (al-ʾAḥq̈āf 46:17)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
किन्तु वह व्यक्ति जिसने अपने माँ-बाप से कहा, 'धिक है तुम पर! क्या तुम मुझे डराते हो कि मैं (क़ब्र से) निकाला जाऊँगा, हालाँकि मुझसे पहले कितनी ही नस्लें गुज़र चुकी है?' और वे दोनों अल्लाह से फ़रियाद करते है - 'अफ़सोस है तुमपर! मान जा। निस्संदेह अल्लाह का वादा सच्चा है।' किन्तु वह कहता है, 'ये तो बस पहले के लोगों की कहानियाँ है।'
English Sahih:
But one who says to his parents, "Uff to you; do you promise me that I will be brought forth [from the earth] when generations before me have already passed on [into oblivion]?" while they call to Allah for help [and to their son], "Woe to you! Believe! Indeed, the promise of Allah is truth." But he says, "This is not but legends of the former peoples" – ([46] Al-Ahqaf : 17)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिसने अपने माँ बाप से कहा कि तुम्हारा बुरा हो, क्या तुम मुझे धमकी देते हो कि मैं दोबारा (कब्र से) निकाला जाऊँगा हालॉकि बहुत से लोग मुझसे पहले गुज़र चुके (और कोई ज़िन्दा न हुआ) और दोनों फ़रियाद कर रहे थे कि तुझ पर वाए हो ईमान ले आ ख़ुदा का वायदा ज़रूर सच्चा है तो वह बोल उठा कि ये तो बस अगले लोगों के अफ़साने हैं