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सूरह अल-अह्काफ़ आयत २

تَنْزِيْلُ الْكِتٰبِ مِنَ اللّٰهِ الْعَزِيْزِ الْحَكِيْمِ   ( الأحقاف: ٢ )

(The) revelation
تَنزِيلُ
नाज़िल करना है
(of) the Book
ٱلْكِتَٰبِ
किताब का
(is) from
مِنَ
अल्लाह की तरफ़ से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
the All-Mighty
ٱلْعَزِيزِ
जो बहुत ज़बरदस्त है
the All-Wise
ٱلْحَكِيمِ
ख़ूब हिकमत वाला है

Tanzeelu alkitabi mina Allahi al'azeezi alhakeemi (al-ʾAḥq̈āf 46:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

इस किताब का अवतरण अल्लाह की ओर से है, जो प्रभुत्वशाली, अत्यन्त तत्वदर्शी है

English Sahih:

The revelation of the Book is from Allah, the Exalted in Might, the Wise. ([46] Al-Ahqaf : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये किताब ग़ालिब (व) हकीम ख़ुदा की तरफ से नाज़िल हुई है