قُلْ اَرَءَيْتُمْ مَّا تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ اَرُوْنِيْ مَاذَا خَلَقُوْا مِنَ الْاَرْضِ اَمْ لَهُمْ شِرْكٌ فِى السَّمٰوٰتِ ۖائْتُوْنِيْ بِكِتٰبٍ مِّنْ قَبْلِ هٰذَآ اَوْ اَثٰرَةٍ مِّنْ عِلْمٍ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ ( الأحقاف: ٤ )
Qul araaytum ma tad'oona min dooni Allahi aroonee matha khalaqoo mina alardi am lahum shirkun fee alssamawati eetoonee bikitabin min qabli hatha aw atharatin min 'ilmin in kuntum sadiqeena (al-ʾAḥq̈āf 46:4)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहो, 'क्या तुमने उनको देखा भी, जिन्हें तुम अल्लाह को छोड़कर पुकारते हो? मुझे दिखाओ उन्होंने धरती की चीज़ों में से क्या पैदा किया है या आकाशों में उनकी कोई साझेदारी है? मेरे पास इससे पहले की कोई किताब ले आओ या ज्ञान की कोई अवशेष बात ही, यदि तुम सच्चे हो।'
English Sahih:
Say, [O Muhammad], "Have you considered that which you invoke besides Allah? Show me what they have created of the earth; or did they have partnership in [creation of] the heavens? Bring me a scripture [revealed] before this or a [remaining] trace of knowledge, if you should be truthful." ([46] Al-Ahqaf : 4)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) तुम पूछो कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनकी तुम इबादत करते हो क्या तुमने उनको देखा है मुझे भी तो दिखाओ कि उन लोगों ने ज़मीन में क्या चीज़े पैदा की हैं या आसमानों (के बनाने) में उनकी शिरकत है तो अगर तुम सच्चे हो तो उससे पहले की कोई किताब (या अगलों के) इल्म का बक़िया हो तो मेरे सामने पेश करो