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يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا عَلَيْكُمْ اَنْفُسَكُمْ ۚ لَا يَضُرُّكُمْ مَّنْ ضَلَّ اِذَا اهْتَدَيْتُمْ ۗ اِلَى اللّٰهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِيْعًا فَيُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ  ( المائدة: ١٠٥ )

O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
Upon you
عَلَيْكُمْ
लाज़िम है तुम पर (बचाना)
(is to guard) yourselves
أَنفُسَكُمْۖ
अपनी जानों को
Not
لَا
ना नुक़सान देगा तुम्हें
will harm you
يَضُرُّكُم
ना नुक़सान देगा तुम्हें
(those) who
مَّن
जो
(have gone) astray
ضَلَّ
भटक गया
when
إِذَا
जब
you have been guided
ٱهْتَدَيْتُمْۚ
हिदायत पा चुके तुम
To
إِلَى
तरफ़ अल्लाह ही के
Allah
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह ही के
(is) your return
مَرْجِعُكُمْ
लौटना है तुम्हारा
all
جَمِيعًا
सब का
then He will inform you
فَيُنَبِّئُكُم
फिर वो बता देगा तुम्हें
of what
بِمَا
वो जो
you used to
كُنتُمْ
थे तुम
do
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते

Ya ayyuha allatheena amanoo 'alaykum anfusakum la yadurrukum man dalla itha ihtadaytum ila Allahi marji'ukum jamee'an fayunabbiokum bima kuntum ta'maloona (al-Māʾidah 5:105)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! तुमपर अपनी चिन्ता अनिवार्य है, जब तुम रास्ते पर हो, तो जो कोई भटक जाए वह तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अल्लाह की ओर तुम सबको लौटकर जाना है। फिर वह तुम्हें बता देगा, जो कुछ तुम करते रहे होगे

English Sahih:

O you who have believed, upon you is [responsibility for] yourselves. Those who have gone astray will not harm you when you have been guided. To Allah is your return all together; then He will inform you of what you used to do. ([5] Al-Ma'idah : 105)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमान वालों तुम अपनी ख़बर लो जब तुम राहे रास्त पर हो तो कोई गुमराह हुआ करे तुम्हें नुक़सान नहीं पहुँचा सकता तुम सबके सबको ख़ुदा ही की तरफ लौट कर जाना है तब (उस वक्त नेक व बद) जो कुछ (दुनिया में) करते थे तुम्हें बता देगा