وَلَقَدْ خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَا فِيْ سِتَّةِ اَيَّامٍۖ وَّمَا مَسَّنَا مِنْ لُّغُوْبٍ ( ق: ٣٨ )
And certainly
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
We created
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
and whatever
وَمَا
और जो
(is) between both of them
بَيْنَهُمَا
दर्मियान है उन दोनों के
in
فِى
छ: दिनों में
six
سِتَّةِ
छ: दिनों में
periods
أَيَّامٍ
छ: दिनों में
and (did) not
وَمَا
और नहीं
touch Us
مَسَّنَا
छुआ हमें
any
مِن
किसी थकावट ने
fatigue
لُّغُوبٍ
किसी थकावट ने
Walaqad khalaqna alssamawati waalarda wama baynahuma fee sittati ayyamin wama massana min lughoobin (Q̈āf 50:38)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है छः दिनों में पैदा कर दिया और हमें कोई थकान न छू सकी
English Sahih:
And We did certainly create the heavens and earth and what is between them in six days, and there touched Us no weariness. ([50] Qaf : 38)