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فِيْهِمَا مِنْ كُلِّ فَاكِهَةٍ زَوْجٰنِۚ   ( الرحمن: ٥٢ )

In both of them
فِيهِمَا
उन दोनों में
[of]
مِن
हर
(are) every
كُلِّ
हर
fruits
فَٰكِهَةٍ
फल की
(in) pairs
زَوْجَانِ
दो क़िस्में हैं

Feehima min kulli fakihatin zawjani (ar-Raḥmān 55:52)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन दोनों (बाग़ो) मे हर स्वादिष्ट फल की दो-दो किस्में हैं;

English Sahih:

In both of them are of every fruit, two kinds. ([55] Ar-Rahman : 52)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इन दोनों बाग़ों में सब मेवे दो दो किस्म के होंगे