قُلْ يٰقَوْمِ اعْمَلُوْا عَلٰى مَكَانَتِكُمْ اِنِّيْ عَامِلٌۚ فَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَۙ مَنْ تَكُوْنُ لَهٗ عَاقِبَةُ الدَّارِۗ اِنَّهٗ لَا يُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ( الأنعام: ١٣٥ )
Qul ya qawmi i'maloo 'ala makanatikum innee 'amilun fasawfa ta'lamoona man takoonu lahu 'aqibatu alddari innahu la yuflihu alththalimoona (al-ʾAnʿām 6:135)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! तुम अपनी जगह कर्म करते रहो, मैं भी अपनी जगह कर्मशील हूँ। शीघ्र ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि घर (लोक-परलोक) का परिणाम किसके हित में होता है। निश्चय ही अत्याचारी सफल नहीं होते।'
English Sahih:
Say, "O my people, work according to your position; [for] indeed, I am working. And you are going to know who will have succession in the home. Indeed, the wrongdoers will not succeed." ([6] Al-An'am : 135)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और तुम उसके लाने में (ख़ुदा को) आजिज़ नहीं कर सकते (ऐ रसूल तुम उनसे) कहो कि ऐ मेरी क़ौम तुम बजाए ख़ुद जो चाहो करो मैं (बजाए ख़ुद) अमल कर रहा हूँ फिर अनक़रीब तुम्हें मालूम हो जाएगा कि आख़ेरत (बेहश्त) किसके लिए है (तुम्हारे लिए या हमारे लिए) ज़ालिम लोग तो हरगिज़ कामयाब न होंगे