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وَاِذْ قَالَ مُوْسٰى لِقَوْمِهٖ يٰقَوْمِ لِمَ تُؤْذُوْنَنِيْ وَقَدْ تَّعْلَمُوْنَ اَنِّيْ رَسُوْلُ اللّٰهِ اِلَيْكُمْۗ فَلَمَّا زَاغُوْٓا اَزَاغَ اللّٰهُ قُلُوْبَهُمْۗ وَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الْفٰسِقِيْنَ   ( الصف: ٥ )

And when
وَإِذْ
और जब
said
قَالَ
कहा
Musa
مُوسَىٰ
मूसा ने
to his people
لِقَوْمِهِۦ
अपनी क़ौम से
"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Why
لِمَ
क्यों
do you hurt me
تُؤْذُونَنِى
तुम अज़ियत देते हो मुझे
while certainly
وَقَد
हालाँकि तहक़ीक़
you know
تَّعْلَمُونَ
तुम जानते हो
that I am
أَنِّى
बेशक मैं
(the) Messenger
رَسُولُ
रसूल हूँ
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
to you?"
إِلَيْكُمْۖ
तुम्हारी तरफ़
Then when
فَلَمَّا
फिर जब
they deviated
زَاغُوٓا۟
वो टेढ़े हुए
(was caused to) deviate
أَزَاغَ
टेढ़ा कर दिया
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
their hearts
قُلُوبَهُمْۚ
उनके दिलों को
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो हिदायत देता
guide
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
the people
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
the defiantly disobedient
ٱلْفَٰسِقِينَ
जो फ़ासिक़ हैं

Waith qala moosa liqawmihi ya qawmi lima tuthoonanee waqad ta'lamoona annee rasoolu Allahi ilaykum falamma zaghoo azagha Allahu quloobahum waAllahu la yahdee alqawma alfasiqeena (aṣ-Ṣaff 61:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और याद करो जब मूसा ने अपनी क़ौम के लोगों से कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगों! तुम मुझे क्यो दुख देते हो, हालाँकि तुम जानते हो कि मैं तुम्हारी ओर भेजा हुआ अल्लाह का रसूल हूँ?' फिर जब उन्होंने टेढ़ अपनाई तो अल्लाह ने भी उनके दिल टेढ़ कर दिए। अल्लाह अवज्ञाकारियों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता

English Sahih:

And [mention, O Muhammad], when Moses said to his people, "O my people, why do you harm me while you certainly know that I am the messenger of Allah to you?" And when they deviated, Allah caused their hearts to deviate. And Allah does not guide the defiantly disobedient people. ([61] As-Saf : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि भाइयों तुम मुझे क्यों अज़ीयत देते हो हालॉकि तुम तो जानते हो कि मैं तुम्हारे पास ख़ुदा का (भेजा हुआ) रसूल हूँ तो जब वह टेढ़े हुए तो ख़ुदा ने भी उनके दिलों को टेढ़ा ही रहने दिया और ख़ुदा बदकार लोगों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता