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وَاَنْفِقُوْا مِنْ مَّا رَزَقْنٰكُمْ مِّنْ قَبْلِ اَنْ يَّأْتِيَ اَحَدَكُمُ الْمَوْتُ فَيَقُوْلَ رَبِّ لَوْلَآ اَخَّرْتَنِيْٓ اِلٰٓى اَجَلٍ قَرِيْبٍۚ فَاَصَّدَّقَ وَاَكُنْ مِّنَ الصّٰلِحِيْنَ   ( المنافقون: ١٠ )

And spend
وَأَنفِقُوا۟
और ख़र्च करो
from
مِن
उसमें से जो
what
مَّا
उसमें से जो
We have provided you
رَزَقْنَٰكُم
रिज़्क़ दिया हमन तुम्हें
from
مِّن
उससे पहले
before
قَبْلِ
उससे पहले
[that]
أَن
कि
comes
يَأْتِىَ
आ जाए
(to) one of you
أَحَدَكُمُ
तुम में से किसी एक को
the death
ٱلْمَوْتُ
मौत
and he says
فَيَقُولَ
तो वो कहे
"My Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Why not
لَوْلَآ
क्यों ना
You delay me
أَخَّرْتَنِىٓ
मोहलत दी तू ने मुझे
for
إِلَىٰٓ
एक वक़्त तक
a term
أَجَلٍ
एक वक़्त तक
near
قَرِيبٍ
क़रीब के
so I would give charity
فَأَصَّدَّقَ
तो मैं सदक़ा करता
and be
وَأَكُن
और मैं हो जाता
among
مِّنَ
नेक लोगों में से
the righteous"
ٱلصَّٰلِحِينَ
नेक लोगों में से

Waanfiqoo min ma razaqnakum min qabli an yatiya ahadakumu almawtu fayaqoola rabbi lawla akhkhartanee ila ajalin qareebin faassaddaqa waakun mina alssaliheena (al-Munāfiq̈ūn 63:10)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने तुम्हें जो कुछ दिया है उसमें से ख़र्च करो इससे पहले कि तुममें से किसी की मृत्यु आ जाए और उस समय वह करने लगे, 'ऐ मेरे रब! तूने मुझे कुछ थोड़े समय तक और मुहलत क्यों न दी कि मैं सदक़ा (दान) करता (मुझे मुहलत दे कि मैं सदक़ा करूँ) और अच्छे लोगों में सम्मिलित हो जाऊँ।'

English Sahih:

And spend [in the way of Allah] from what We have provided you before death approaches one of you and he says, "My Lord, if only You would delay me for a brief term so I would give charity and be of the righteous." ([63] Al-Munafiqun : 10)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने जो कुछ तुम्हें दिया है उसमें से क़ब्ल इसके (ख़ुदा की राह में) ख़र्च कर डालो कि तुममें से किसी की मौत आ जाए तो (इसकी नौबत न आए कि) कहने लगे कि परवरदिगार तूने मुझे थोड़ी सी मोहलत और क्यों न दी ताकि ख़ैरात करता और नेकीकारों से हो जाता