Skip to main content

۞ وَاِلٰى عَادٍ اَخَاهُمْ هُوْدًاۗ قَالَ يٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَيْرُهٗۗ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ   ( الأعراف: ٦٥ )

And to
وَإِلَىٰ
और तरफ़
Aad
عَادٍ
आद के
(We sent) their brother
أَخَاهُمْ
उनके भाई
Hud
هُودًاۗ
हूद को (भेजा)
He said
قَالَ
उसने कहा
"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Worship
ٱعْبُدُوا۟
इबादत करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
not
مَا
नहीं तुम्हारे लिए
for you
لَكُم
नहीं तुम्हारे लिए
any
مِّنْ
कोई इलाह (बरहक़)
god
إِلَٰهٍ
कोई इलाह (बरहक़)
other than Him
غَيْرُهُۥٓۚ
उसके सिवा
Then will not
أَفَلَا
क्या भला नहीं
you fear (Allah)?"
تَتَّقُونَ
तुम डरते

Waila 'adin akhahum hoodan qala ya qawmi o'budoo Allaha ma lakum min ilahin ghayruhu afala tattaqoona (al-ʾAʿrāf 7:65)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और आद की ओर उनके भाई हूद को भेजा। उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अल्लाह की बन्दगी करो, उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तो क्या (इसे सोचकर) तुम डरते नहीं?'

English Sahih:

And to the Aad [We sent] their brother Hud. He said, "O my people, worship Allah; you have no deity other than Him. Then will you not fear Him?" ([7] Al-A'raf : 65)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (हमने) क़ौम आद की तरफ उनके भाई हूद को (रसूल बनाकर भेजा) तो उन्होनें लोगों से कहा ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा ही की इबादत करो उसके सिवा तुम्हारा कोई माबूद नहीं तो क्या तुम (ख़ुदा से) डरते नहीं हो