هٰذَا يَوْمُ لَا يَنْطِقُوْنَۙ ( المرسلات: ٣٥ )
This
هَٰذَا
ये
(is) a Day
يَوْمُ
दिन है
not
لَا
ना वो बोल सकेंगे
they will speak
يَنطِقُونَ
ना वो बोल सकेंगे
Hatha yawmu la yantiqoona (al-Mursalāt 77:35)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह वह दिन है कि वे कुछ बोल नहीं रहे है,
English Sahih:
This is a Day they will not speak, ([77] Al-Mursalat : 35)