وَاِذْ زَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطٰنُ اَعْمَالَهُمْ وَقَالَ لَا غَالِبَ لَكُمُ الْيَوْمَ مِنَ النَّاسِ وَاِنِّيْ جَارٌ لَّكُمْۚ فَلَمَّا تَرَاۤءَتِ الْفِئَتٰنِ نَكَصَ عَلٰى عَقِبَيْهِ وَقَالَ اِنِّيْ بَرِيْۤءٌ مِّنْكُمْ اِنِّيْٓ اَرٰى مَا لَا تَرَوْنَ اِنِّيْٓ اَخَافُ اللّٰهَ ۗوَاللّٰهُ شَدِيْدُ الْعِقَابِ ࣖ ( الأنفال: ٤٨ )
Waith zayyana lahumu alshshaytanu a'malahum waqala la ghaliba lakumu alyawma mina alnnasi wainnee jarun lakum falamma taraati alfiatani nakasa 'ala 'aqibayhi waqala innee bareeon minkum innee ara ma la tarawna innee akhafu Allaha waAllahu shadeedu al'iqabi (al-ʾAnfāl 8:48)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और याद करो जब शैतान ने उनके कर्म उनके लिए सुन्दर बना दिए और कहा, 'आज लोगों में से कोई भी तुमपर प्रभावी नहीं हो सकता। मैं तुम्हारे साथ हूँ।' किन्तु जब दोनों गिरोह आमने-सामने हुए तो वह उलटे पाँव फिर गया और कहने लगा, 'मेरा तुमसे कोई सम्बन्ध नहीं। मैं वह कुछ देख रहा हूँ, जो तुम्हें नहीं दिखाई देता। मैं अल्लाह से डरता हूँ, और अल्लाह कठोर यातना देनेवाला है।'
English Sahih:
And [remember] when Satan made their deeds pleasing to them and said, "No one can overcome you today from among the people, and indeed, I am your protector." But when the two armies sighted each other, he turned on his heels and said, "Indeed, I am disassociated from you. Indeed, I see what you do not see; indeed, I fear Allah. And Allah is severe in penalty." ([8] Al-Anfal : 48)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जब शैतान ने उनकी कारस्तानियों को उम्दा कर दिखाया और उनके कान में फूंक दिया कि लोगों में आज कोई ऐसा नहीं जो तुम पर ग़ालिब आ सके और मै तुम्हारा मददगार हूं फिर जब दोनों लश्कर मुकाबिल हुए तो अपने उलटे पॉव भाग निकला और कहने लगा कि मै तो तुम से अलग हूं मै वह चीजें देख रहा हूं जो तुम्हें नहीं सूझती मैं तो ख़ुदा से डरता हूं और ख़ुदा बहुत सख्त अज़ाब वाला है