وَالْاَرْضِ ذَاتِ الصَّدْعِۙ ( الطارق: ١٢ )
And the earth
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन की
which
ذَاتِ
जो फटने वाली है
cracks open
ٱلصَّدْعِ
जो फटने वाली है
Waalardi thati alssad'i (aṭ-Ṭāriq̈ 86:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और फट जानेवाली धरती
English Sahih:
And [by] the earth which splits, ([86] At-Tariq : 12)