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وَاِنْ نَّكَثُوْٓا اَيْمَانَهُمْ مِّنْۢ بَعْدِ عَهْدِهِمْ وَطَعَنُوْا فِيْ دِيْنِكُمْ فَقَاتِلُوْٓا اَىِٕمَّةَ الْكُفْرِۙ اِنَّهُمْ لَآ اَيْمَانَ لَهُمْ لَعَلَّهُمْ يَنْتَهُوْنَ   ( التوبة: ١٢ )

And if
وَإِن
और अगर
they break
نَّكَثُوٓا۟
वो तोड़ दें
their oaths
أَيْمَٰنَهُم
अपनी क़समें
after
مِّنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
their treaty
عَهْدِهِمْ
अपने अहद करने के
and defame
وَطَعَنُوا۟
और वो तअन(ताना) करें
[in]
فِى
तुम्हारे दीन में
your religion
دِينِكُمْ
तुम्हारे दीन में
then fight
فَقَٰتِلُوٓا۟
तो जंग करो
the leaders
أَئِمَّةَ
इमामों से
(of) [the] disbelief
ٱلْكُفْرِۙ
कुफ़्र के
indeed, they
إِنَّهُمْ
बेशक वो
no
لَآ
नहीं हैं कोई क़समें
oaths
أَيْمَٰنَ
नहीं हैं कोई क़समें
for them
لَهُمْ
उनकी
so that they may
لَعَلَّهُمْ
ताकि वो
cease
يَنتَهُونَ
वो रुक जाऐं

Wain nakathoo aymanahum min ba'di 'ahdihim wata'anoo fee deenikum faqatiloo aimmata alkufri innahum la aymana lahum la'allahum yantahoona (at-Tawbah 9:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यदि अपने अभिवचन के पश्चात वे अपनी क़समॊं कॊ तॊड़ डालॆं और तुम्हारॆ दीन (धर्म) पर चॊटें करनॆ लगॆं, तॊ फिर कुफ़्र (अधर्म) कॆ सरदारों सॆ युद्ध करॊ, उनकी क़समॆं कुछ नहीं, ताकि वॆ बाज़ आ जाऐं।

English Sahih:

And if they break their oaths after their treaty and defame your religion, then combat the leaders of disbelief, for indeed, there are no oaths [sacred] to them; [fight them that] they might cease. ([9] At-Tawbah : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर ये लोग एहद कर चुकने के बाद अपनी क़समें तोड़ डालें और तुम्हारे दीन में तुमको ताना दें तो तुम कुफ्र के सरवर आवारा लोगों से खूब लड़ाई करो उनकी क़समें का हरगिज़ कोई एतबार नहीं ताकि ये लोग (अपनी शरारत से) बाज़ आएँ