اَمْ حَسِبْتُمْ اَنْ تُتْرَكُوْا وَلَمَّا يَعْلَمِ اللّٰهُ الَّذِيْنَ جَاهَدُوْا مِنْكُمْ وَلَمْ يَتَّخِذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَلَا رَسُوْلِهٖ وَلَا الْمُؤْمِنِيْنَ وَلِيْجَةً ۗوَاللّٰهُ خَبِيْرٌۢ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ࣖ ( التوبة: ١٦ )
Am hasibtum an tutrakoo walamma ya'lami Allahu allatheena jahadoo minkum walam yattakhithoo min dooni Allahi wala rasoolihi wala almumineena waleejatan waAllahu khabeerun bima ta'maloona (at-Tawbah 9:16)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुमने यह समझ रखा है कि तुम ऐसे ही छोड़ दिए जाओगे, हालाँकि अल्लाह ने अभी उन लोगों को छाँटा ही नहीं, जिन्होंने तुममें से जिहाद किया और अल्लाह और उसके रसूल और मोमिनों को छोड़कर किसी को घनिष्ठ मित्र नहीं बनाया? तुम जो कुछ भी करते हो, अल्लाह उसकी ख़बर रखता है
English Sahih:
Do you think that you will be left [as you are] while Allah has not yet made evident those among you who strive [for His cause] and do not take other than Allah, His Messenger and the believers as intimates? And Allah is [fully] Aware of what you do. ([9] At-Tawbah : 16)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या तुमने ये समझ लिया है कि तुम (यूं ही) छोड़ दिए जाओगे और अभी तक तो ख़ुदा ने उन लोगों को मुमताज़ किया ही नहीं जो तुम में के (राहे ख़ुदा में) जिहाद करते हैं और ख़ुदा और उसके रसूल और मोमेनीन के सिवा किसी को अपना राज़दार दोस्त नहीं बनाते और जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उससे बाख़बर है