اِلَّا تَنْصُرُوْهُ فَقَدْ نَصَرَهُ اللّٰهُ اِذْ اَخْرَجَهُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا ثَانِيَ اثْنَيْنِ اِذْ هُمَا فِى الْغَارِ اِذْ يَقُوْلُ لِصَاحِبِهٖ لَا تَحْزَنْ اِنَّ اللّٰهَ مَعَنَاۚ فَاَنْزَلَ اللّٰهُ سَكِيْنَتَهٗ عَلَيْهِ وَاَيَّدَهٗ بِجُنُوْدٍ لَّمْ تَرَوْهَا وَجَعَلَ كَلِمَةَ الَّذِيْنَ كَفَرُوا السُّفْلٰىۗ وَكَلِمَةُ اللّٰهِ هِيَ الْعُلْيَاۗ وَاللّٰهُ عَزِيْزٌ حَكِيْمٌ ( التوبة: ٤٠ )
Illa tansuroohu faqad nasarahu Allahu ith akhrajahu allatheena kafaroo thaniya ithnayni ith huma fee alghari ith yaqoolu lisahibihi la tahzan inna Allaha ma'ana faanzala Allahu sakeenatahu 'alayhi waayyadahu bijunoodin lam tarawha waja'ala kalimata allatheena kafaroo alssufla wakalimatu Allahi hiya al'ulya waAllahu 'azeezun hakeemun (at-Tawbah 9:40)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि तुम उसकी सहायता न भी करो तो अल्लाह उसकी सहायता उस समय कर चुका है जब इनकार करनेवालों ने उसे इस स्थिति में निकाला कि वह केवल दो में का दूसरा था, जब वे दोनों गुफ़ा में थे। जबकि वह अपने साथी से कह रहा था, 'शोकाकुल न हो। अवश्यमेव अल्लाह हमारे साथ है।' फिर अल्लाह ने उसपर अपनी ओर से सकीनत (प्रशान्ति) उतारी और उसकी सहायता ऐसी सेनाओं से की जिन्हें तुम देख न सके और इनकार करनेवालों का बोल नीचा कर दिया, बोल तो अल्लाह ही का ऊँचा रहता है। अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशील, तत्वदर्शी है
English Sahih:
If you do not aid him [i.e., the Prophet (^)] – Allah has already aided him when those who disbelieved had driven him out [of Makkah] as one of two, when they were in the cave and he [i.e., Muhammad (^)] said to his companion, "Do not grieve; indeed Allah is with us." And Allah sent down His tranquility upon him and supported him with soldiers [i.e., angels] you did not see and made the word of those who disbelieved the lowest, while the word of Allah – that is the highest. And Allah is Exalted in Might and Wise. ([9] At-Tawbah : 40)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
अगर तुम उस रसूल की मदद न करोगे तो (कुछ परवाह् नहीं ख़ुदा मददगार है) उसने तो अपने रसूल की उस वक्त मदद की जब उसकी कुफ्फ़ार (मक्का) ने (घर से) निकल बाहर किया उस वक्त सिर्फ (दो आदमी थे) दूसरे रसूल थे जब वह दोनो ग़ार (सौर) में थे जब अपने साथी को (उसकी गिरिया व ज़ारी (रोने) पर) समझा रहे थे कि घबराओ नहीं ख़ुदा यक़ीनन हमारे साथ है तो ख़ुदा ने उन पर अपनी (तरफ से) तसकीन नाज़िल फरमाई और (फ़रिश्तों के) ऐसे लश्कर से उनकी मदद की जिनको तुम लोगों ने देखा तक नहीं और ख़ुदा ने काफिरों की बात नीची कर दिखाई और ख़ुदा ही का बोल बाला है और ख़ुदा तो ग़ालिब हिकमत वाला है