وَعَدَ اللّٰهُ الْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَا وَمَسٰكِنَ طَيِّبَةً فِيْ جَنّٰتِ عَدْنٍ ۗوَرِضْوَانٌ مِّنَ اللّٰهِ اَكْبَرُ ۗذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُ ࣖ ( التوبة: ٧٢ )
Wa'ada Allahu almumineena waalmuminati jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha wamasakina tayyibatan fee jannati 'adnin waridwanun mina Allahi akbaru thalika huwa alfawzu al'atheemu (at-Tawbah 9:72)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मोमिन मर्दों और मोमिन औरतों से अल्लाह ने ऐसे बाग़ों का वादा किया है जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी, जिनमें वे सदैव रहेंगे और सदाबहार बाग़ों में पवित्र निवास गृहों का (भी वादा है) और, अल्लाह की प्रसन्नता और रज़ामन्दी का; जो सबसे बढ़कर है। यही सबसे बड़ी सफलता है
English Sahih:
Allah has promised the believing men and believing women gardens beneath which rivers flow, wherein they abide eternally, and pleasant dwellings in gardens of perpetual residence; but approval from Allah is greater. It is that which is the great attainment. ([9] At-Tawbah : 72)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ख़ुदा ने ईमानदार मर्दों और ईमानदारा औरतों से (बेहश्त के) उन बाग़ों का वायदा कर लिया है जिनके नीचे नहरें जारी हैं और वह उनमें हमेशा रहेगें (बेहश्त) अदन के बाग़ो में उम्दा उम्दा मकानात का (भी वायदा फरमाया) और ख़ुदा की ख़ुशनूदी उन सबसे बालातर है- यही तो बड़ी (आला दर्जे की) कामयाबी है