وَالتِّيْنِ وَالزَّيْتُوْنِۙ ( التين: ١ )
By the fig
وَٱلتِّينِ
क़सम है इनजीर की
and the olive
وَٱلزَّيْتُونِ
और ज़ैतून की
Waaltteeni waalzzaytooni (at-Tīn 95:1)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
साक्षी है तीन और ज़ैतून
English Sahih:
By the fig and the olive ([95] At-Tin : 1)