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وَلَىِٕنْ اَخَّرْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ اِلٰٓى اُمَّةٍ مَّعْدُوْدَةٍ لَّيَقُوْلُنَّ مَا يَحْبِسُهٗ ۗ اَلَا يَوْمَ يَأْتِيْهِمْ لَيْسَ مَصْرُوْفًا عَنْهُمْ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ يَسْتَهْزِءُوْنَ ࣖ   ( هود: ٨ )

And if
وَلَئِنْ
और अलबत्ता अगर
We delay
أَخَّرْنَا
मुअख़्ख़र कर दें हम
from them
عَنْهُمُ
उनसे
the punishment
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब को
for
إِلَىٰٓ
एक मुद्दत तक
a time
أُمَّةٍ
एक मुद्दत तक
determined
مَّعْدُودَةٍ
शुमार की हुई
they will surely say
لَّيَقُولُنَّ
अलबत्ता वो ज़रूर कहेंगे
"What
مَا
किस चीज़ ने
detains it?"
يَحْبِسُهُۥٓۗ
रोक रखा है उसे
No doubt!
أَلَا
ख़बरदार
(On) the Day
يَوْمَ
जिस दिन
it comes to them
يَأْتِيهِمْ
वो आ जाएगा उनके पास
not
لَيْسَ
नहीं
(will be) averted
مَصْرُوفًا
फेरा जाएगा
from them
عَنْهُمْ
उनसे
and will surround
وَحَاقَ
और घेर लेगा
them
بِهِم
उन्हें
what
مَّا
जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
mock at [it]
بِهِۦ
जिसका
mock at [it]
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते

Walain akhkharna 'anhumu al'athaba ila ommatin ma'doodatin layaqoolunna ma yahbisuhu ala yawma yateehim laysa masroofan 'anhum wahaqa bihim ma kanoo bihi yastahzioona (Hūd 11:8)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि हम एक निश्चित अवधि तक के लिए उनसे यातना को टाले रखें, तो वे कहने लगेंगे, 'आख़िर किस चीज़ ने उसे रोक रखा है?' सुन लो! जिन दिन वह उनपर आ जाएगी तो फिर वह उनपर से टाली नहीं जाएगी। और वही चीज़ उन्हें घेर लेगी जिसका वे उपहास करते है

English Sahih:

And if We hold back from them the punishment for a limited time, they will surely say, "What detains it?" Unquestionably, on the Day it comes to them, it will not be averted from them, and they will be enveloped by what they used to ridicule. ([11] Hud : 8)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर हम गिनती के चन्द रोज़ो तक उन पर अज़ाब करने में देर भी करें तो ये लोग (अपनी शरारत से) बेताम्मुल ज़रुर कहने लगेगें कि (हाए) अज़ाब को कौन सी चीज़ रोक रही है सुन रखो जिस दिन इन पर अज़ाब आ पडे तो (फिर) उनके टाले न टलेगा और जिस (अज़ाब) की ये लोग हँसी उड़ाया करते थे वह उनको हर तरह से घेर लेगा