رَبِّ اِنَّهُنَّ اَضْلَلْنَ كَثِيْرًا مِّنَ النَّاسِۚ فَمَنْ تَبِعَنِيْ فَاِنَّهٗ مِنِّيْۚ وَمَنْ عَصَانِيْ فَاِنَّكَ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ( ابراهيم: ٣٦ )
My Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Indeed they
إِنَّهُنَّ
बेशक उन्होंने
have led astray
أَضْلَلْنَ
गुमराह कर दिया
many
كَثِيرًا
कसीर तादाद को
among
مِّنَ
लोगों में से
the mankind
ٱلنَّاسِۖ
लोगों में से
So whoever
فَمَن
तो जो कोई
follows me
تَبِعَنِى
पैरवी करे मेरी
then indeed he
فَإِنَّهُۥ
तो बेशक वो
(is) of me
مِنِّىۖ
मुझसे है
and whoever
وَمَنْ
और जो कोई
disobeys me
عَصَانِى
नाफ़रमानी करे मेरी
then indeed You
فَإِنَّكَ
तो बेशक तू ही है
(are) Oft-Forgiving
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला
Most Merciful
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला
Rabbi innahunna adlalna katheeran mina alnnasi faman tabi'anee fainnahu minnee waman 'asanee fainnaka ghafoorun raheemun (ʾIbrāhīm 14:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मेरे रब! इन्होंने (इन मूर्तियों नॆ) बहुत से लोगों को पथभ्रष्ट किया है। अतः जिस किसी ने मॆरा अनुसरण किया वह मेरा है और जिस ने मेरी अवज्ञा की तो निश्चय ही तू बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
English Sahih:
My Lord, indeed they have led astray many among the people. So whoever follows me – then he is of me; and whoever disobeys me – indeed, You are [yet] Forgiving and Merciful. ([14] Ibrahim : 36)