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وَمَآ اَرْسَلْنَا مِنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا بِلِسَانِ قَوْمِهٖ لِيُبَيِّنَ لَهُمْ ۗفَيُضِلُّ اللّٰهُ مَنْ يَّشَاۤءُ وَيَهْدِيْ مَنْ يَّشَاۤءُ ۗوَهُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ   ( ابراهيم: ٤ )

And not
وَمَآ
और नहीं
We sent
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
any
مِن
कोई रसूल
Messenger
رَّسُولٍ
कोई रसूल
except
إِلَّا
मगर
with the language
بِلِسَانِ
ज़बान में
(of) his people
قَوْمِهِۦ
उसकी क़ौम की
so that he might make clear
لِيُبَيِّنَ
ताकि वो वाज़ेह करे
for them
لَهُمْۖ
उनके लिए
Then Allah lets go astray
فَيُضِلُّ
पस भटका देता है
Then Allah lets go astray
ٱللَّهُ
अल्लाह
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
and guides
وَيَهْدِى
और वो हिदायत देता है
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
And He
وَهُوَ
और वो
(is) the All-Mighty
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त है
the All-Wise
ٱلْحَكِيمُ
बहुत हिकमत वाला है

Wama arsalna min rasoolin illa bilisani qawmihi liyubayyina lahum fayudillu Allahu man yashao wayahdee man yashao wahuwa al'azeezu alhakeemu (ʾIbrāhīm 14:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने जो रसूल भी भेजा, उसकी अपनी क़ौम की भाषा के साथ ही भेजा, ताकि वह उनके लिए अच्छी तरह खोलकर बयान कर दे। फिर अल्लाह जिसे चाहता है पथभ्रष्ट रहने देता है और जिसे चाहता है सीधे मार्ग पर लगा देता है। वह है भी प्रभुत्वशाली, अत्यन्त तत्वदर्शी

English Sahih:

And We did not send any messenger except [speaking] in the language of his people to state clearly for them, and Allah sends astray [thereby] whom He wills and guides whom He wills. And He is the Exalted in Might, the Wise. ([14] Ibrahim : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने जब कभी कोई पैग़म्बर भेजा तो उसकी क़ौम की ज़बान में बातें करता हुआ (ताकि उसके सामने (हमारे एहक़ाम) बयान कर सके तो यही ख़ुदा जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिस की चाहता है हिदायत करता है वही सब पर ग़ालिब हिकमत वाला है