اِنَّ رَبَّكَ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَّشَاۤءُ وَيَقْدِرُ ۗاِنَّهٗ كَانَ بِعِبَادِهٖ خَبِيْرًاۢ بَصِيْرًا ࣖ ( الإسراء: ٣٠ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
your Lord
رَبَّكَ
रब आपका
extends
يَبْسُطُ
कुशादा कर देता है
the provision
ٱلرِّزْقَ
रिज़्क़ को
for whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
and straitens
وَيَقْدِرُۚ
और वो तंग कर देता है
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
is
كَانَ
है वो
of His slaves
بِعِبَادِهِۦ
अपने बन्दों की
All-Aware
خَبِيرًۢا
पूरी ख़बर रखने वाला
All-Seer
بَصِيرًا
ख़ूब देखने वाला
Inna rabbaka yabsutu alrrizqa liman yashao wayaqdiru innahu kana bi'ibadihi khabeeran baseeran (al-ʾIsrāʾ 17:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुम्हारा रब जिसको चाहता है प्रचुर और फैली हुई रोज़ी प्रदान करता है और इसी प्रकार नपी-तुली भी। निस्संदेह वह अपने बन्दों की ख़बर और उनपर नज़र रखता है
English Sahih:
Indeed, your Lord extends provision for whom He wills and restricts [it]. Indeed He is ever, concerning His servants, Aware and Seeing. ([17] Al-Isra : 30)