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كُلُّ ذٰلِكَ كَانَ سَيِّئُهٗ عِنْدَ رَبِّكَ مَكْرُوْهًا   ( الإسراء: ٣٨ )

All
كُلُّ
ये सब (काम)
that
ذَٰلِكَ
ये सब (काम)
is
كَانَ
है
[its] evil
سَيِّئُهُۥ
बुराई उनकी
near
عِندَ
आपके रब के नज़दीक
your Lord
رَبِّكَ
आपके रब के नज़दीक
hateful
مَكْرُوهًا
मकरूह/नापसंदीदा

Kullu thalika kana sayyiohu 'inda rabbika makroohan (al-ʾIsrāʾ 17:38)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

इनमें से प्रत्येक की बुराई तुम्हारे रब की स्पष्ट में अप्रिय ही है

English Sahih:

All that [i.e., the aforementioned] – its evil is ever, in the sight of your Lord, detested. ([17] Al-Isra : 38)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) इन सब बातों में से जो बुरी बात है वह तुम्हारे परवरदिगार के नज़दीक नापसन्द है