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يٰٓاَبَتِ اِنِّي قَدْ جَاۤءَنِيْ مِنَ الْعِلْمِ مَا لَمْ يَأْتِكَ فَاتَّبِعْنِيْٓ اَهْدِكَ صِرَاطًا سَوِيًّا   ( مريم: ٤٣ )

O my father!
يَٰٓأَبَتِ
ऐ मेरे अब्बाजान
Indeed [I]
إِنِّى
बेशक मैं
verily
قَدْ
तहक़ीक़
(has) come to me
جَآءَنِى
आया है मेरे पास
of
مِنَ
इल्म में से
the knowledge
ٱلْعِلْمِ
इल्म में से
what
مَا
जो
not
لَمْ
नहीं
came to you
يَأْتِكَ
आया आपके पास
so follow me;
فَٱتَّبِعْنِىٓ
पस पैरवी कीजिए मेरी
I will guide you
أَهْدِكَ
मैं रहनुमाई करुँगा आपकी
(to) the path
صِرَٰطًا
(तरफ़) रास्ते
even
سَوِيًّا
सीधे के

Ya abati innee qad jaanee mina al'ilmi ma lam yatika faittabi'nee ahdika siratan sawiyyan (Maryam 19:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ मेरे बाप! मेरे पास ज्ञान आ गया है जो आपके पास नहीं आया। अतः आप मेरा अनुसरण करें, मैं आपको सीधा मार्ग दिखाऊँगा

English Sahih:

O my father, indeed there has come to me of knowledge that which has not come to you, so follow me; I will guide you to an even path. ([19] Maryam : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और न कुछ आपके काम ही आ सकता है ऐ मेरे अब्बा यक़ीनन मेरे पास वह इल्म आ चुका है जो आपके पास नहीं आया तो आप मेरी पैरवी कीजिए मैं आपको (दीन की) सीधी राह दिखा दूँगा