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وَقَالُوْا لَوْلَا يَأْتِيْنَا بِاٰيَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖۗ اَوَلَمْ تَأْتِهِمْ بَيِّنَةُ مَا فِى الصُّحُفِ الْاُولٰى   ( طه: ١٣٣ )

And they say
وَقَالُوا۟
और वो कहते हैं
"Why not
لَوْلَا
क्यों नहीं
he brings us
يَأْتِينَا
वो लाता हमारे पास
a sign
بِـَٔايَةٍ
कोई निशानी
from
مِّن
अपने रब की तरफ़ से
his Lord?"
رَّبِّهِۦٓۚ
अपने रब की तरफ़ से
Has not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
come to them
تَأْتِهِم
आई उनके पास
evidence
بَيِّنَةُ
वाज़ेह दलील
(of) what
مَا
जो
(was) in
فِى
सहीफ़ों में है
the Scriptures
ٱلصُّحُفِ
सहीफ़ों में है
the former?
ٱلْأُولَىٰ
पहले

Waqaloo lawla yateena biayatin min rabbihi awalam tatihim bayyinatu ma fee alssuhufi aloola (Ṭāʾ Hāʾ 20:133)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और वे कहते है कि 'यह अपने रब की ओर से हमारे पास कोई निशानी क्यों नहीं लाता?' क्या उनके पास उसका स्पष्ट प्रमाण नहीं आ गया, जो कुछ कि पहले की पुस्तकों में उल्लिखित है?

English Sahih:

And they say, "Why does he not bring us a sign from his Lord?" Has there not come to them evidence of what was in the former scriptures? ([20] Taha : 133)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (अहले मक्का) कहते हैं कि अपने परवरदिगार की तरफ से हमारे पास कोई मौजिज़ा हमारी मर्ज़ी के मुवाफिक़ क्यों नहीं लाते तो क्या जो (पेशीव गोइयाँ) अगली किताबों (तौरेत, इन्जील) में (इसकी) गवाह हैं वह भी उनके पास नहीं पहुँची