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وَاحْلُلْ عُقْدَةً مِّنْ لِّسَانِيْ ۙ  ( طه: ٢٧ )

And untie
وَٱحْلُلْ
और खोल दे
(the) knot
عُقْدَةً
गिरह
from
مِّن
मेरी ज़बान की
my tongue
لِّسَانِى
मेरी ज़बान की

Waohlul 'uqdatan min lisanee (Ṭāʾ Hāʾ 20:27)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और मेरी ज़बान की गिरह खोल दे।

English Sahih:

And untie the knot from my tongue ([20] Taha : 27)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और दिलेर बना और मेरा काम मेरे लिए आसान कर दे और मेरी ज़बान से लुक़नत की गिरह खोल दे