قَالَ اٰمَنْتُمْ لَهٗ قَبْلَ اَنْ اٰذَنَ لَكُمْۗ اِنَّهٗ لَكَبِيْرُكُمُ الَّذِيْ عَلَّمَكُمُ السِّحْرَۚ فَلَاُقَطِّعَنَّ اَيْدِيَكُمْ وَاَرْجُلَكُمْ مِّنْ خِلَافٍ وَّلَاُصَلِّبَنَّكُمْ فِيْ جُذُوْعِ النَّخْلِۖ وَلَتَعْلَمُنَّ اَيُّنَآ اَشَدُّ عَذَابًا وَّاَبْقٰى ( طه: ٧١ )
Qala amantum lahu qabla an athana lakum innahu lakabeerukumu allathee 'allamakumu alssihra falaoqatti'anna aydiyakum waarjulakum min khilafin walaosallibannakum fee juthoo'i alnnakhli walata'lamunna ayyuna ashaddu 'athaban waabqa (Ṭāʾ Hāʾ 20:71)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'तुमने मान लिया उसको, इससे पहले कि मैं तुम्हें इसकी अनुज्ञा देता? निश्चय ही यह तुम सबका प्रमुख है, जिसने जादू सिखाया है। अच्छा, अब मैं तुम्हारा हाथ और पाँव विपरीत दिशाओं से कटवा दूँगा और खंजूर के तनों पर तुम्हें सूली दे दूँगा। तब तुम्हें अवश्य ही मालूम हो जाएगा कि हममें से किसकी यातना अधिक कठोर और स्थायी है!'
English Sahih:
[Pharaoh] said, "You believed him [i.e., Moses] before I gave you permission. Indeed, he is your leader who has taught you magic. So I will surely cut off your hands and your feet on opposite sides, and I will crucify you on the trunks of palm trees, and you will surely know which of us is more severe in [giving] punishment and more enduring." ([20] Taha : 71)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
फिरऔन ने उन लोगों से कहा (हाए) इससे पहले कि हम तुमको इजाज़त दें तुम उस पर ईमान ले आए इसमें शक नहीं कि ये तुम सबका बड़ा (गुरू) है जिसने तुमको जादू सिखाया है तो मैं तुम्हारा एक तरफ़ के हाथ और दूसरी तरफ़ के पाँव ज़रूर काट डालूँगा और तुम्हें यक़ीनन खुरमे की शाख़ों पर सूली चढ़ा दूँगा और उस वक्त तुमको (अच्छी तरह) मालूम हो जाएगा कि हम (दोनों) फरीक़ों से अज़ाब में ज्यादा बढ़ा हुआ कौन और किसको क़याम ज्यादा है