اَمِ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖٓ اٰلِهَةً ۗقُلْ هَاتُوْا بُرْهَانَكُمْۚ هٰذَا ذِكْرُ مَنْ مَّعِيَ وَذِكْرُ مَنْ قَبْلِيْۗ بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا يَعْلَمُوْنَۙ الْحَقَّ فَهُمْ مُّعْرِضُوْنَ ( الأنبياء: ٢٤ )
Ami ittakhathoo min doonihi alihatan qul hatoo burhanakum hatha thikru man ma'iya wathikru man qablee bal aktharuhum la ya'lamoona alhaqqa fahum mu'ridoona (al-ʾAnbiyāʾ 21:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
(क्या ये अल्लाह के हक़ को नहीं पहचानते) या उसे छोड़कर इन्होंने दूसरे इष्ट-पूज्य बना लिए है (जिसके लिए इनके पास कुछ प्रमाण है)? कह दो, 'लाओ, अपना प्रमाण! यह अनुस्मृति है उनकी जो मेरे साथ है और अनुस्मृति है उनकी जो मुझसे पहले हुए है, किन्तु बात यह है कि इनमें अधिकतर सत्य को जानते नहीं, इसलिए कतरा रहे है
English Sahih:
Or have they taken gods besides Him? Say, [O Muhammad], "Produce your proof. This [Quran] is the message for those with me and the message of those before me." But most of them do not know the truth, so they are turning away. ([21] Al-Anbya : 24)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(हाँ) और उन लोगों से बाज़पुर्स होगी क्या उन लोगों ने खुदा को छोड़कर कुछ और माबूद बना रखे हैं (ऐ रसूल) तुम कहो कि भला अपनी दलील तो पेश करो जो मेरे (ज़माने में) साथ है उनकी किताब (कुरान) और जो लोग मुझ से पहले थे उनकी किताबें (तौरेत वग़ैरह) ये (मौजूद) हैं (उनमें खुदा का शरीक बता दो) बल्कि उनमें से अक्सर तो हक़ (बात) को तो जानते ही नहीं