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وَلُوْطًا اٰتَيْنٰهُ حُكْمًا وَّعِلْمًا وَّنَجَّيْنٰهُ مِنَ الْقَرْيَةِ الَّتِيْ كَانَتْ تَّعْمَلُ الْخَبٰۤىِٕثَ ۗاِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمَ سَوْءٍ فٰسِقِيْنَۙ  ( الأنبياء: ٧٤ )

And (to) Lut
وَلُوطًا
और लूत
We gave him
ءَاتَيْنَٰهُ
अता किया हमने उसे
judgment
حُكْمًا
हुक्म
and knowledge
وَعِلْمًا
और इल्म
and We saved him
وَنَجَّيْنَٰهُ
और निजात दी हमने
from
مِنَ
उस बस्ती से
the town
ٱلْقَرْيَةِ
उस बस्ती से
which
ٱلَّتِى
वो जो
was
كَانَت
थी
doing
تَّعْمَلُ
वो करती
wicked deeds
ٱلْخَبَٰٓئِثَۗ
ख़बीस काम
Indeed they
إِنَّهُمْ
यक़ीनन वो
were
كَانُوا۟
थे वो
a people
قَوْمَ
लोग
evil
سَوْءٍ
बुरे
defiantly disobedient
فَٰسِقِينَ
फ़ासिक़

Walootan ataynahu hukman wa'ilman wanajjaynahu mina alqaryati allatee kanat ta'malu alkhabaitha innahum kanoo qawma sawin fasiqeena (al-ʾAnbiyāʾ 21:74)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और रहा लूत तो उसे हमने निर्णय-शक्ति और ज्ञान प्रदान किया और उसे उस बस्ती से छुटकारा दिया जो गन्दे कर्म करती थी। वास्तव में वह बहुत ही बुरी और अवज्ञाकारी क़ौम थी

English Sahih:

And to Lot We gave judgement and knowledge, and We saved him from the city that was committing wicked deeds. Indeed, they were a people of evil, defiantly disobedient. ([21] Al-Anbya : 74)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और लूत को भी हम ही के फ़हमे सलीम और नबूवत अता की और हम ही ने उस बस्ती से जहाँ के लोग बदकारियाँ करते थे नजात दी इसमें शक नहीं कि वह लोग बड़े बदकार आदमी थे