قُلْ اَنْزَلَهُ الَّذِيْ يَعْلَمُ السِّرَّ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ اِنَّهٗ كَانَ غَفُوْرًا رَّحِيْمًا ( الفرقان: ٦ )
Say
قُلْ
कह दीजिए
"Has sent it down
أَنزَلَهُ
नाज़िल किया है उसे
the One Who
ٱلَّذِى
उसने जो
knows
يَعْلَمُ
जानता है
the secret
ٱلسِّرَّ
छुपी बात को
in
فِى
आसमानों में
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
and the earth
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन में
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
is
كَانَ
है वो
Oft-Forgiving
غَفُورًا
बहुत बख़्शने वाला
Most Merciful"
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला
Qul anzalahu allathee ya'lamu alssirra fee alssamawati waalardi innahu kana ghafooran raheeman (al-Furq̈ān 25:6)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहो, 'उसे अवतरित किया है उसने, जो आकाशों और धरती के रहस्य जानता है। निश्चय ही वह बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है।'
English Sahih:
Say, [O Muhammad], "It has been revealed by He who knows [every] secret within the heavens and the earth. Indeed, He is ever Forgiving and Merciful." ([25] Al-Furqan : 6)