Skip to main content

وَمَآ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ اَجْرٍۚ اِنْ اَجْرِيَ اِلَّا عَلٰى رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ۗ   ( الشعراء: ١٤٥ )

And not
وَمَآ
और नहीं
I ask you
أَسْـَٔلُكُمْ
मैं सवाल करता तुम से
for it
عَلَيْهِ
इस पर
any
مِنْ
किसी अजर का
payment
أَجْرٍۖ
किसी अजर का
Not
إِنْ
नहीं
(is) my payment
أَجْرِىَ
अजर मेरा
except
إِلَّا
मगर
from
عَلَىٰ
ऊपर
(the) Lord
رَبِّ
रब्बुल
(of) the worlds
ٱلْعَٰلَمِينَ
आलमीन के

Wama asalukum 'alayhi min ajrin in ajriya illa 'ala rabbi al'alameena (aš-Šuʿarāʾ 26:145)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

मैं इस काम पर तुमसे कोई बदला नहीं माँगता। मेरा बदला तो बस सारे संसार के रब के ज़िम्मे है

English Sahih:

And I do not ask you for it any payment. My payment is only from the Lord of the worlds. ([26] Ash-Shu'ara : 145)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता- मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदाई के पालने वाले (ख़ुदा पर है)