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اِنَّ الَّذِيْ فَرَضَ عَلَيْكَ الْقُرْاٰنَ لَرَاۤدُّكَ اِلٰى مَعَادٍ ۗقُلْ رَّبِّيْٓ اَعْلَمُ مَنْ جَاۤءَ بِالْهُدٰى وَمَنْ هُوَ فِيْ ضَلٰلٍ مُّبِيْنٍ   ( القصص: ٨٥ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
He Who
ٱلَّذِى
वो जिसने
ordained
فَرَضَ
फ़र्ज़ किया
upon you
عَلَيْكَ
आप पर
the Quran
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरान को
(will) surely take you back
لَرَآدُّكَ
अलबत्ता फेर ले जाने वाला है आपको
to
إِلَىٰ
तरफ़ लौटने की जगह के
a place of return
مَعَادٍۚ
तरफ़ लौटने की जगह के
Say
قُل
कह दीजिए
"My Lord
رَّبِّىٓ
मेरा रब
(is) most knowing
أَعْلَمُ
ख़ूब जानता है
(of him) who
مَن
उसे जो
comes
جَآءَ
लाया
with the guidance
بِٱلْهُدَىٰ
हिदायत को
and who -
وَمَنْ
और उसे जो
he
هُوَ
हो वो
(is) in
فِى
गुमराही में
an error
ضَلَٰلٍ
गुमराही में
manifest"
مُّبِينٍ
खुली

Inna allathee farada 'alayka alqurana laradduka ila ma'adin qul rabbee a'lamu man jaa bialhuda waman huwa fee dalalin mubeenin (al-Q̈aṣaṣ 28:85)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिसने इस क़ुरआन की ज़िम्मेदारी तुमपर डाली है, वह तुम्हें उसके (अच्छे) अंजाम तक ज़रूर पहुँचाएगा। कहो, 'मेरा रब उसे भली-भाँति जानता है जो मार्गदर्शन लेकर आया, और उसे भी जो खुली गुमराही में पड़ा है।'

English Sahih:

Indeed, [O Muhammad], He who imposed upon you the Quran will take you back to a place of return. Say, "My Lord is most knowing of who brings guidance and who is in clear error." ([28] Al-Qasas : 85)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) ख़ुदा जिसने तुम पर क़ुरान नाज़िल किया ज़रुर ठिकाने तक पहुँचा देगा (ऐ रसूल) तुम कह दो कि कौन राह पर आया और कौन सरीही गुमराही में पड़ा रहा