وَمِنْ اٰيٰتِهٖ مَنَامُكُمْ بِالَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَابْتِغَاۤؤُكُمْ مِّنْ فَضْلِهٖۗ اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّسْمَعُوْنَ ( الروم: ٢٣ )
And among
وَمِنْ
और उसकी निशानियों में से है
His Signs
ءَايَٰتِهِۦ
और उसकी निशानियों में से है
(is) your sleep
مَنَامُكُم
सोना तुम्हारा
by night
بِٱلَّيْلِ
रात
and the day
وَٱلنَّهَارِ
और दिन को
[and] your seeking
وَٱبْتِغَآؤُكُم
और तलाश करना तुम्हारा
of
مِّن
उसके फ़ज़ल से
His Bounty
فَضْلِهِۦٓۚ
उसके फ़ज़ल से
Indeed
إِنَّ
यक़ीनन
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
surely (are) Signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who listen
يَسْمَعُونَ
जो सुनते हैं
Wamin ayatihi manamukum biallayli waalnnahari waibtighaokum min fadlihi inna fee thalika laayatin liqawmin yasma'oona (ar-Rūm 30:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और उसकी निशानियों में से तुम्हारा रात और दिन का सोना और तुम्हारा उसके अनुग्रह की तलाश करना भी है। निश्चय ही इसमें निशानियाँ है उन लोगों के लिए जो सुनते है
English Sahih:
And of His signs is your sleep by night and day and your seeking of His bounty. Indeed in that are signs for a people who listen. ([30] Ar-Rum : 23)