خَلَقَ السَّمٰوٰتِ بِغَيْرِ عَمَدٍ تَرَوْنَهَا وَاَلْقٰى فِى الْاَرْضِ رَوَاسِيَ اَنْ تَمِيْدَ بِكُمْ وَبَثَّ فِيْهَا مِنْ كُلِّ دَاۤبَّةٍۗ وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً فَاَنْۢبَتْنَا فِيْهَا مِنْ كُلِّ زَوْجٍ كَرِيْمٍ ( لقمان: ١٠ )
Khalaqa alssamawati bighayri 'amadin tarawnaha waalqa fee alardi rawasiya an tameeda bikum wabaththa feeha min kulli dabbatin waanzalna mina alssamai maan faanbatna feeha min kulli zawjin kareemin (Luq̈mān 31:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने आकाशों को पैदा किया, (जो थमें हुए हैं) बिना ऐसे स्तम्भों के जो तुम्हें दिखाई दें। और उसने धरती में पहाड़ डाल दिए कि ऐसा न हो कि तुम्हें लेकर डाँवाडोल हो जाए और उसने उसमें हर प्रकार के जानवर फैला दिए। और हमने ही आकाश से पानी उतारा, फिर उसमें हर प्रकार की उत्तम चीज़े उगाई
English Sahih:
He created the heavens without pillars that you see and has cast into the earth firmly set mountains, lest it should shift with you, and dispersed therein from every creature. And We sent down rain from the sky and made grow therein [plants] of every noble kind. ([31] Luqman : 10)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तुम उन्हें देख रहे हो कि उसी ने बग़ैर सुतून के आसमानों को बना डाला और उसी ने ज़मीन पर (भारी भारी) पहाड़ों के लंगर डाल दिए कि (मुबादा) तुम्हें लेकर किसी तरफ जुम्बिश करे और उसी ने हर तरह चल फिर करने वाले (जानवर) ज़मीन में फैलाए और हमने आसमान से पानी बरसाया और (उसके ज़रिए से) ज़मीन में हर रंग के नफ़ीस जोड़े पैदा किए