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۞ وَمَنْ يَّقْنُتْ مِنْكُنَّ لِلّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَتَعْمَلْ صَالِحًا نُّؤْتِهَآ اَجْرَهَا مَرَّتَيْنِۙ وَاَعْتَدْنَا لَهَا رِزْقًا كَرِيْمًا   ( الأحزاب: ٣١ )

And whoever
وَمَن
और जो कोई
is obedient
يَقْنُتْ
इताअत करेगी
among you
مِنكُنَّ
तुम में से
to Allah
لِلَّهِ
अल्लाह की
and His Messenger
وَرَسُولِهِۦ
और उसके रसूल की
and does
وَتَعْمَلْ
और वो अमल करेगी
righteousness
صَٰلِحًا
नेक
We will give her
نُّؤْتِهَآ
हम देंगे उसे
her reward
أَجْرَهَا
अजर उसका
twice;
مَرَّتَيْنِ
दो बार
and We have prepared
وَأَعْتَدْنَا
और तैयार कर रखा है हमने
for her
لَهَا
उसके लिए
a provision
رِزْقًا
रिज़्क़
noble
كَرِيمًا
बाइज़्ज़त /उमदा

Waman yaqnut minkunna lillahi warasoolihi wata'mal salihan nutiha ajraha marratayni waa'tadna laha rizqan kareeman (al-ʾAḥzāb 33:31)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

किन्तु तुममें से जो अल्लाह और उसके रसूल के प्रति निष्ठापूर्वक आज्ञाकारिता की नीति अपनाए और अच्छा कर्म करे, उसे हम दोहरा प्रतिदान प्रदान करेंगे और उसके लिए हमने सम्मानपूर्ण आजीविका तैयार कर रखी है

English Sahih:

And whoever of you devoutly obeys Allah and His Messenger and does righteousness – We will give her her reward twice; and We have prepared for her a noble provision. ([33] Al-Ahzab : 31)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और तुममें से जो (बीवी) खुदा और उसके रसूल की ताबेदारी अच्छे (अच्छे) काम करेगी उसको हम उसका सवाब भी दोहरा अता करेगें और हमने उसके लिए (जन्नत में) इज्ज़त की रोज़ी तैयार कर रखी है