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لِيُوَفِّيَهُمْ اُجُوْرَهُمْ وَيَزِيْدَهُمْ مِّنْ فَضْلِهٖۗ اِنَّهٗ غَفُوْرٌ شَكُوْرٌ   ( فاطر: ٣٠ )

That He may give them in full
لِيُوَفِّيَهُمْ
ताकि वो पूरे-पूरे दे उन्हें
their rewards
أُجُورَهُمْ
अजर उनके
and increase for them
وَيَزِيدَهُم
और ज़्यादा दे उन्हें
of
مِّن
अपने फ़ज़ल से
His Bounty
فَضْلِهِۦٓۚ
अपने फ़ज़ल से
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(is) Oft-Forgiving
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
Most Appreciative
شَكُورٌ
निहायत क़द्रदान है

Liyuwaffiyahum ojoorahum wayazeedahum min fadlihi innahu ghafoorun shakoorun (Fāṭir 35:30)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

परिणामस्वरूप वह उन्हें उनके प्रतिदान पूरे-पूरे दे और अपने उदार अनुग्रह से उन्हें और अधिक भी प्रदान करे। निस्संदेह वह बहुत क्षमाशील, अत्यन्त गुणग्राहक है

English Sahih:

That He may give them in full their rewards and increase for them of His bounty. Indeed, He is Forgiving and Appreciative. ([35] Fatir : 30)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिसका कभी टाट न उलटेगा ताकि खुदा उन्हें उनकी मज़दूरियाँ भरपूर अता करे बल्कि अपने फज़ल (व करम) से उसे कुछ और बढ़ा देगा बेशक वह बड़ा बख्शने वाला है (और) बड़ा क़द्रदान है