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وَالشَّمْسُ تَجْرِيْ لِمُسْتَقَرٍّ لَّهَا ۗذٰلِكَ تَقْدِيْرُ الْعَزِيْزِ الْعَلِيْمِۗ   ( يس: ٣٨ )

And the sun
وَٱلشَّمْسُ
और सूरज
runs
تَجْرِى
वो चल रहा है
to a term appointed
لِمُسْتَقَرٍّ
ठिकाने के लिए
for it
لَّهَاۚ
अपने
That
ذَٰلِكَ
ये
(is the) Decree
تَقْدِيرُ
अंदाज़ा है
(of) the All-Mighty
ٱلْعَزِيزِ
बहुत ज़बरदस्त का
the All-Knowing
ٱلْعَلِيمِ
ख़ूब इल्म वाले का

Waalshshamsu tajree limustaqarrin laha thalika taqdeeru al'azeezi al'aleemi (Yāʾ Sīn 36:38)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और सूर्य अपने नियत ठिकाने के लिए चला जा रहा है। यह बाँधा हुआ हिसाब है प्रभुत्वशाली, ज्ञानवान का

English Sahih:

And the sun runs [on course] toward its stopping point. That is the determination of the Exalted in Might, the Knowing. ([36] Ya-Sin : 38)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (एक निशानी) आफताब है जो अपने एक ठिकाने पर चल रहा है ये (सबसे) ग़ालिब वाक़िफ (खुदा) का (बाँद्दा हुआ) अन्दाज़ा है