وَلِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ ۗوَكَفٰى بِاللّٰهِ وَكِيْلًا ( النساء: ١٣٢ )
And for Allah
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
(is) whatever
مَا
जो कुछ
(is) in
فِى
आसमानों में है
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
and whatever
وَمَا
और जो कुछ
(is) in
فِى
ज़मीन में है
the earth
ٱلْأَرْضِۚ
ज़मीन में है
And is sufficient
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह
(as) a Disposer of affairs
وَكِيلًا
कारसाज़
Walillahi ma fee alssamawati wama fee alardi wakafa biAllahi wakeelan (an-Nisāʾ 4:132)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हाँ, आकाशों और धरती में जो कुछ है, अल्लाह ही का है और अल्लाह कार्यसाधक की हैसियत से काफ़ी है
English Sahih:
And to Allah belongs whatever is in the heavens and whatever is on the earth. And sufficient is Allah as Disposer of affairs. ([4] An-Nisa : 132)