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وَلَا تَسْتَوِى الْحَسَنَةُ وَلَا السَّيِّئَةُ ۗاِدْفَعْ بِالَّتِيْ هِيَ اَحْسَنُ فَاِذَا الَّذِيْ بَيْنَكَ وَبَيْنَهٗ عَدَاوَةٌ كَاَنَّهٗ وَلِيٌّ حَمِيْمٌ   ( فصلت: ٣٤ )

And not
وَلَا
और नहीं
are equal
تَسْتَوِى
बराबर हो सकती
the good (deed)
ٱلْحَسَنَةُ
नेकी
and
وَلَا
और ना
the evil (deed)
ٱلسَّيِّئَةُۚ
बुराई
Repel
ٱدْفَعْ
दूर कीजिए
by (that) which
بِٱلَّتِى
साथ उस (तरीक़े )के जो
[it]
هِىَ
वो
(is) better;
أَحْسَنُ
सबसे अच्छा है
then behold!
فَإِذَا
तो यकायक
One who
ٱلَّذِى
वो जो
between you
بَيْنَكَ
दर्मियान आपके
and between him
وَبَيْنَهُۥ
और दर्मियान उसके
(was) enmity
عَدَٰوَةٌ
अदावत है
as if he
كَأَنَّهُۥ
गोया कि वो
(was) a friend
وَلِىٌّ
दोस्त है
intimate
حَمِيمٌ
निहायत गहरा

Wala tastawee alhasanatu wala alssayyiatu idfa' biallatee hiya ahsanu faitha allathee baynaka wabaynahu 'adawatun kaannahu waliyyun hameemun (Fuṣṣilat 41:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

भलाई और बुराई समान नहीं है। तुम (बुरे आचरण की बुराई को) अच्छे से अच्छे आचरण के द्वारा दूर करो। फिर क्या देखोगे कि वही व्यक्ति तुम्हारे और जिसके बीच वैर पड़ा हुआ था, जैसे वह कोई घनिष्ठ मित्र है

English Sahih:

And not equal are the good deed and the bad. Repel [evil] by that [deed] which is better; and thereupon, the one whom between you and him is enmity [will become] as though he was a devoted friend. ([41] Fussilat : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और भलाई बुराई (कभी) बराबर नहीं हो सकती तो (सख्त कलामी का) ऐसे तरीके से जवाब दो जो निहायत अच्छा हो (ऐसा करोगे) तो (तुम देखोगे) जिस में और तुममें दुशमनी थी गोया वह तुम्हारा दिल सोज़ दोस्त है